…पहिले कबहूँ तोहरे बरे आकाश नाहीं खुला रहा; आपका सृष्टिकर्ता आपकी बौद्धिकता का उपयोग करिहैं; यहै कारन उ टेलीपैथिक लेखन का उपयोग किहिन हैं; भगवान के मेमना के स्क्रॉल से; अइसन लेखन जेकर कौनो अंत नाहीं है; काहे से कि जवन पिता से अहै ओकर अंत नाहीं अहै; ब्रह्मांड का कौनो अंत नाहीं है; यहिका समझावै का भी कौनो अंत नाहीं है;… (अल्फा अऊर ओमेगा।-)

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